21 Animal Counting Start from November
राजस्थान में 21 वीं पशु गणना इसी महीने शुरू
21 Animal Counting Start from November
राजस्थान में 21 वीं पशु गणना इसी महीने शुरू
हर 5 साल में होने वाली पशुगणना पशुपालन और डेयरी विभाग 1919 से हर 5 साल में देश भर में पशुधन जनगणना करता है।
20 वीं पशुगणना आखिर साल 2019 में आयोजित
की गई थी। 21 वीं पशुगणना 2024 में होनी है।
21 वीं पशुगणना में पशुपालक और उनके पशुधन पर जानकारी जुटाने की मांग हो रही है।
पशुगणना से होने वाले फायदे
पशुधन गणना ,पशु कल्याण बोर्ड की उचित कल्याणकारी योजना है ।
निर्माण के क्षेत्र में ओर सुधार लाने और deta का मुख्य स्त्रोत है।
पशुगणना से प्रत्येक पशुओं की नस्लों,उनके विकास,संवर्धन,अनुदान,बीमारी में मिलने वाली सुविधा के बारे में सारी जानकारी मिलती है।
शामिल होने वाले पशु
मवेशी, भैंस, मिथुन, याक, भेड़, बकरी,सूअर,घोड़ा, टटू,खच्चर, गधा, ऊंट, कुत्ता, खरगोश, और हाथी। पोल्ट्री पक्षी मुर्गी, बतख, और अन्य पोल्ट्री पक्षी पालतू पक्षी भी शामिलClick here है ।
पशुगणना करने वाला विभाग
पशुगणना हर 5 वर्ष में आयोजित की जाती है जो डेयरी एवं भारत सरकार पशुपालन विभाग करता आ रहा है।
यह पशुगणना सरकारी कर्मचारी यथा पटवारी,ग्राम विकाश अधिकारी, अध्यापक इत्यादि कर्म चारी के माध्यम से करवाई जाती है।
पशुगणना का माध्यम
अबकी बार पशुगणना ऑनलाइन माध्यम से की जाएगी।
जिससे टाइम का बचत ओर हमेशा के लिए डाटा ऑनलाइन का झंझट खत्म हो जाएगा।
पशु को सुविधा देने में कोई समस्या नहीं होगी।
त्वरित इलाज होगा
बीमा करने में कोई समस्या नहीं होगी