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Collector Sir Successful Story

शराब बेचने वाली मां का बेटा बना कलेक्टर जाने किन परिस्थितियों के बावजूद मां ने बच्चे को पढ़ाया

Collector Sir Successful Storyशराब बेचने वाली मां का बेटा बना कलेक्टर जाने किन परिस्थितियों के बावजूद मां ने बच्चे को पढ़ाया

Collector Sir Successful Story

Collector Sir Successful Story कलेक्टर साहब की अजीबोगरीब कहानी सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे वास्तव में इस मां को दिल से सलाम।

देखे किन परिस्थितियों में मां ने अपने लाल को पढ़ाया और कलेक्टर भी बना दिया

मेरी मां शराब बेचती थी ,पीने वाले लोग स्नेक्स के बदले पैसे देते थे,उन्हीं पेसो से किताबें खरीदकर मैं पढ़ता गया और कलेक्टर बन गया।

Collector Sir Successful Story

यह कहानी है नंदुरबार महाराष्ट्र की कलेक्टर साहब कहते है कि मैं गर्भ में था तभी पिता गुजर गए।मुझे पिता की फोटो देखने का भी सौभाग्य नहीं मिला ।

इसका कारण पेसो की तंगी हाल यह था कि एक वक्त का खाना भी बमुश्किल जुट पाता था। गन्ने के खरपतवार से बनी छोटी सी झोपडी में हमारा 10 लोगो का परिवार रहता था।

जब मैं गर्भ में था तब लोग मां को सलाह देते थे कि गर्भपात करवा लो ।एक लड़का एक लड़की है तीसरे को क्या खिलाओगे। लेकिन मेरी मां ने एक नहीं सुनी और मुझे जिंदा रखा।

बात करता हु महाराष्ट्र की

मैं महाराष्ट्र के धुले जिले के आदिवासी भील समाज से हु। बचपन में मेरे चारों तरफ अज्ञान ,अंधविश्वास,गरीबी,बेरोजगारी और भांति भांति  के व्यसनों का दंश था।

मां कमला बहन मजदूरी करती थी। 10 रुपए मिलते थे।इससे जरूरतों को कैसे पूरा करे।इसीलिए मां देशी शराब बेचनी शुरू की । मैं तब दो तीन साल का था ।भूख लगने पर रोता तो शराब पीने बैठे लोगो के रंग में भंग पड़ता।

कुछ लोग तो चुप कराने के लिए मेरे मुंह में शराब की एक दो बूंद डाल देते थे।दूध की जगह दादी भी एक दो चम्मच शराब पिला देती और मैं भूखा रोते हुए भी चुपचाप सो जाता।

कुछ दिनों बाद आदत पड़ गई। सर्दी  खांसी हो तो दवा की जगह दारू मिलती। जब मैं चौथी क्लास में था ,,घर के बाहर चबूतरे पर बैठ कर पढ़ने लग जाता था।

लेकिन पीने आने वाले लोग कोई न कोई काम बताते रहते थे।

लोग कहते थे लड़का भी मां की तरह शराब ही बेचेगा

एक दिन शराब पीने पर आने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि पढ़ लिखकर क्या करेगा। अपनी मां से कहना कि लड़का भी शराब बेचेगा। भील का लड़का भील ही रहेगा।

मैने ये बात मां को बताई ।तब मां ने संकल्प लिया कि बेटे को डॉक्टर , एसपी या कलेक्टर ही बनाएगी।लेकिन, मैं इतना जरूर मानता हु कि आज मैं जो कुछ भी हु मां के विश्वास की बदौलत हु।

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