Animal Department changed name of Cow
राजस्थान पशुपालन एवं गोवंश विभाग ने आवारा पशुओं के लिए अब नया नाम निराश्रित/ बेसहारा पशु किया
Animal Department changed name of Cow
आज राजस्थान पशुपालन एवं गोवंश विभाग ने आवारा घूमने वाले गोवंश के लिए एक नई गाइड लाइन जारी की है।
इस गाइड लाइन के तहत अब आवारा घूमने वाले पशुओं को आवारा नहीं कह कर निराश्रित/बेसहारा पशु के नाम से जाना जाएगा।
इन पशुओं को आवारा नाम से अगर कोई बुलाएगा तो। ये पशुओं की बेइज्जती मानी जायेगी और उस पर मुकदमा भी दायर किया जा सकता है।
गोवंश हमारी संस्कृति की अमूल्य धरोहर
पूर्व के सतयुग,द्वापर युग,त्रेता युग,वैदिक काल ओर सिंधु सभ्यता के कल से भी गो वंश की पहचान मनुष्य के साथ बनी हुई है।
आर्य राजा वो ही धनवान होता था जिनके पास सबसे ज्यादा गोवंश होता था।
उन्हीं राजा और अन्य राजा के बीच गायों को लेकर ही युद्ध होता था।
क्यों होते है गोवंश बेसहारा
आज के इस तकनीकी ओर संसाधन के युग के अंदर नए नए आविष्कार के तहत विभिन्न प्रकार के कृषि और आवागमन के कृत्रिम साधन खूब हो जाने से पशुओं की वैल्यू बहुत कम हो चुकी है।
साथ ही साथ आजकल गोचर की भूमि पर अतिक्रमण भी ज्यादा हो जाने से पशुओं को चरने के लिए स्थान नहीं है
कृषि जोत का आकार भी बहुत कम हो गया है इसीलिए पशु को रखना भी बहुत चुनौती पूर्ण कार्य है।
क्यों बदला आवारा पशुओं का नाम
राजस्थान की भूमि धर्म और करम वीरों की भूमि है।
जिसमें वीर योद्धा गायों के लिए शहीद भी हुए है।
लोगों की भावना की मांग के पीछे यह फैसला लिया गया है।